चमकौर साहिब के नजदीक जिंदापुर फॉरैस्ट एरिया में अवैध खनन के मामले की जांच के दौरान विजीलैंस ब्यूरो की टीम को कई सुराग हाथ लगे हैं।जांच में सामने आया है कि जंगल की जमीन, जिस पर किसी भी कीमत पर खनन नहीं हो सकता था, पर राजनीतिक आकाओं के दम पर बड़ी बेदर्दी से रेत खनन किया गया और काली कमाई को बढ़ाने के लिए न सिर्फ जंगल के पेड़-पौधों का नुक्सान किया गया बल्कि बड़ी-बड़ी मशीनें लगाकर कई-कई फुट गहराई तक गड्ढे खोद कर रेत निकाली गई।
ध्यान रहे कि रोपड़ पुलिस द्वारा इस मामले में 10 जून को गिरफ्तार किए गए गांव सालाहपुर निवासी इकबाल सिंह को पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का करीबी माना जाता है और संभावना है कि विजीलैंस ब्यूरो द्वारा इस मामले में की जा रही जांच के लपेटे में पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी आ जाएं।बताने योग्य है कि भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को गिरफ्तार करने के बाद विभाग में हुए भ्रष्टाचार की परतें उधेड़े जाने के वक्त ही इस मामले पर पुलिस का ध्यान गया था, जिसके बाद चमकौर साहिब के वन रेंज अधिकारी की शिकायत पर रोपड़ जिला पुलिस द्वारा मामला दर्ज करके गिरफ्तारी व बरामदगी की गई।
विजीलैंस ब्यूरो को पता चला था कि चमकौर साहिब के गांव जिंदापुर में वन की अधिसूचित भूमि से अवैध रूप से रेत निकालने के लिए पंजाब सरकार के पंजाब प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (पनकैम्पा) कार्यक्रम के तहत वन विभाग द्वारा लगाए गए पौधों को नुक्सान पहुंचाया गया था। इसके अलावा उक्त वन भूमि पर भारतीय वन अधिनियम और वन (संरक्षण) अधिनियम की धाराएं भी लागू हैं, जिसके बावजूद उक्त जंगल की जमीन पर राजनीतिक संरक्षण से अवैध रेत खनन किया जा रहा था। पुलिस द्वारा इस मामले में सालाहपुर निवासी इकबाल सिंह की गिरफ्तारी की गई थी और उसके साथ ही एक जे.सी.बी. मशीन और एक पोकलेन मशीन को भी जब्त किया गया था।