चंडीगढ़ की लाइफलाइन सुखना लेक में बोटिंग करने का अपना अलग ही मजा है। शहरवासी ही नहीं बाहर से आने वाले पर्यटक भी लेक में बोटिंग का लुत्फ उठाने को ललायित रहते हैं।
लेकिन सोचिए अगर आपको लेक में बोटिंग करने का मौका न मिले। बोटिंग के बिना लेक की कल्पना कीजिए। ऐसा लगेगा मानों लेक बोटिंग के बिना एकदम सूनी हो जाएगी।
अगर गर्मी का प्रकोप यूं ही जारी रहा तो ऐसी नौबत आने में ज्यादा दिन नहीं लगेंगे। पारा नए रिकार्ड पर पहुंचकर कर लेक का पानी सुखा रहा है। इससे लेक का जलस्तर काफी कम हो गया है। यही सिलसिला जारी रहा तो बोटिंग पर संकट आ जाएगा। लेक में बोटिंग बंद करनी पड़ सकती है।
सुखना लेक का जलस्तर गिरकर 1154 फीट के आसपास पहुंच गया। मई के बाद से तेजी से लेक का पानी कम हो रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो अगले कुछ दिनों में लेक में बोटिंग बंद करने की नौबत आ जाएगी। लेक के कई हिस्सों में सूखा दिखाई देने लगेगा। अभी से रेगुलेटरी एंड के पास किनारों पर मिट्टी दिखने लगी है। लेक का जलस्तर दो फीट और कम हुआ तो हालत खराब होंगे। पिछले महीने आठ मई को लेक का जलस्तर 1156 फीट से अधिक था। वहीं मानसून के बाद पिछले साल कई बार सुखना लेक के फ्लड गेट खोलकर पानी निकालना पड़ा था। उसके बाद भी जलस्तर 1163 फीट था। सितंबर से अब तक नौ फीट तक जलस्तर कम हो चुका है।