स्मार्ट सिटी के तहत चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस द्वारा लाइट प्वाइंट पर लगाए गए सी.सी.टी.वी. कैमरों के जरिए जारी चालानों की जानकारी अब रजिस्टर्ड मोबाइल फोन पर उपलब्ध होंगी।ट्रैफिक पुलिस जल्द ही चालान घर भेजना बंद करने जा रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चालान भेजने में ट्रैफिक पुलिस पर आर्थिक बोझ पड़ता है। इतना ही नहीं, मैनपावर भी ज्यादा लगती है।
पुलिस ने स्मार्ट सिटी तहत लाइट प्वाइंट पर सी.सी.टी.वी. कैमरों द्वारा 4 महीने में 88 हजार वाहनों के चालान किए हैं। इनमें से ज्यादातर रेड लाइट जंप और तेज रफ्तार वाहन हैं। जांच में सामने आया है कि रजिस्टर्ड डाक से लोगों के घर चालान भेजने के लिए डाक विभाग को 22 रुपए का भुगतान करना पड़ता है। इस कार्रवाई के लिए
एक दर्जन ट्रैफिक पुलिस लगाए हुए हैं।
इसके अलावा इस मैनपावर को कहीं और स्थानांतरित किया जा सकता है। लोग वाहन ऐप पर वाहन चालान से संबंधित जानकारी देख सकते हैं। जैसे ही वाहन नंबर दर्ज होगा, चालान का पूरा विवरण मोबाइल फोन पर उपलब्ध होगा। एस.एस.पी. के मुताबिक चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी के अधिकारियों से बातचीत चल रही है। रेड लाइट जंप व ओवरस्पीड के अलावा सीट बेल्ट व हेलमेट व मोबाइल फोन का प्रयोग करने वालों के चालान काटने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। 27 मार्च से शहर में स्मार्ट कैमरे पूरी तरह से चालू हो गए हैं। शहर के 40 जंक्शनों पर स्मार्ट कैमरे हैं।