आम जनता को महंगाई से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने 21 मई को पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क घटा दिया था जिससे तेल की कीमतों को नियंत्रित किया जा सके. इस बात को अभी 20 दिन भी नहीं बीते थे कि तेल की किल्लत की अफवाह के चलते देश के कई राज्यों में इस समय पेट्रोल-डीजल की कमी देखने को मिल रही है। सोमवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, गुजरात, राजस्थान व मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें लगने लगीं।
इस संबंध में कुछ पेट्रोल पंप वालों का कहना है कि तेल कंपनियां मांग के अनुसार आपूर्ति नहीं कर रही हैं। इस कारण किल्लत हो रही है। कुछ लोगों ने कहा कि तेल कंपनियों द्वारा पंपों को आठ घंटे ही खुला रखने की बात कही जा रही है, हालांकि, इस मामले में अभी सरकार व तेल कंपनियों की ओर से कोई बयान नहीं आया है।
इस बात पर और खोज करने पर हमें पता चला कि पेट्रोलियम कंपनी पम्पों को क्रेडिट देती थीं, लेकिन अब क्रेडिट बंद कर दिया गया है। पंप द्वारा एडवांस पेमेंट जमा कराने पर ही गाड़ी लोड की जाती है। जो पंप का मालिक एडवांस पेमेंट कर रहा है उसको पेट्रोल डीज़ल समय पर मिल रहा है। एडवांस पेमेंट का अमाउंट बड़ा होने के कारण इसको लेकर अधिकतर पेट्रोल पंप के मालिकों के सामने दिक्कत खड़ी हो गई है। फिलहाल देश में किसी तरह की पेट्रोल डीजल की किल्लत नहीं है। पेट्रोल डीजल की किल्लत को लेकर यह सिर्फ अफवाह है।
खबर है कि रूस यूक्रेन युद्ध के बाद विश्व बाजार में तेल के दाम बहुत अधिक बढ़ने कि वजह से तेल कंपनियों को प्रति लीटर से 15 से 20 रुपये लीटर का घाटा हो रहा है।