पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की ‘अग्निपथ योजना’ के खिलाफ राज्य सरकार गुरुवार को विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी।
मंगलवार को सदन में शून्यकाल के दौरान विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा को जवाब देते हुए मान ने कहा, ‘अग्निपथ योजना राजग सरकार का एक तर्कहीन और अनुचित कदम है जो भारतीय सेना के बुनियादी स्वरूप को नष्ट कर देगा।’
सीएम मान ने कहा कि राजग सरकार द्वारा देश के युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने का यह एक और निराधार कदम है। भाजपा नेताओं को छोड़कर अन्य कोई भी नोटबंदी, जीएसटी, कठोर कृषि कानूनों आदि जैसी योजनाओं की खूबियों को समझ नहीं पाया। ‘अग्निपथ’ भी एक ऐसा ही निराधार कदम है, जिसे कोई भी समझ नहीं सकता। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और अविश्वसनीय है कि एक नौजवान 17 साल की उम्र के बाद सेना में भर्ती हो जाएगा और 21 साल की उम्र में सेवामुक्त हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुख की बात है कि जो नौजवान भरी जवानी में देश की सेवा करेगा, उसे इस सेवा के बदले कोई पेंशन या अन्य कोई लाभ नहीं मिलेगा। यह देश के उन नौजवानों के लिए बहुत बड़ी क्षति है, जो अपनी शारीरिक योग्यता के आधार पर सशस्त्र बलों में भर्ती होकर अपनी मातृभूमि की सेवा करना चाहते हैं।
इससे पहले, भाजपा के अश्विनी शर्मा ने सदन में ‘अग्निपथ’ योजना की सराहना करते हुए उससे नौजवानों को होने वाले लाभ गिनाए। उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए उस समय खर्च बढ़ जाते हैं जब बच्चे कॉलेज में पहुंचते हैं। ‘अग्निपथ’ योजना ऐसे गरीब परिवारों के लिए भी सहायक सिद्ध होगी, क्योंकि मात्र 17 साल की उम्र में उनके बच्चों को इस योजना के तहत 12वीं तक पढ़ाया जाएगा बल्कि सैनिक के रूप में पैसा भी दिया जाएगा।
अग्निपथ वीरों को हर साल तीन महीने का अवकाश मिलेगा। इस तरह चार साल की सेवा तीन साल की ही रहेगी। इसके जवाब में नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने कहा कि ऐसा पहली बार होगा कि देश के लिए लड़ने वाले जवान ठेके पर रखे जाएंगे। ऐसा अब तक किसी देश में हुआ है।
उन्होंने सवाल किया कि भारत को पाकिस्तान और चीन के साथ संबंधों के चलते सेना को मजबूत रखना है। क्या कोई चार साल की नौकरी वाला नौजवान लड़ने जाएगा? जिसके लिए उसे और उसके परिवार को न कोई लाभ मिलेगा और न ही कोई पेंशन। बाजवा द्वारा उठाए गए सवालों का सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी समर्थन किया।