सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ ने क्लीन फ्यूल व्हीकल को बढ़ावा देने पर जोर देना शुरू कर दिया है। इन वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए नई पालिसी भी बनाई जा रही है।प्रशासन ने वर्ष 2030 तक चंडीगढ़ को जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला शहर बनाने का लक्ष्य रखा है।
इस लक्ष्य को हासिल करने की शुरुआत सबसे पहले बसों से हो रही है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सभी डीजल बस इलेक्ट्रिक से रिप्लेस होंगी। 80 इलेक्ट्रिक बसों से इसकी शुरुआत हो चुकी है। शहर में 41 इलेक्ट्रिक बसें अभी चल रही हैं और 39 बसें अगस्त तक शहर की सड़कों पर चलने लगेंगी।
नई ईवी पालिसी के लिए पांच साल की समय सीमा
प्रशासन ने छोटे छोटे लक्ष्य निर्धारित किए है। प्रशासन ने नई ईवी पालिसी के लिए पांच साल की समयावधी तय की है। इसके तहत पांच साल बाद जो भी नए वाहन चंडीगढ़ में पंजीकृत होंगे उनमें 80 फीसद इलेक्ट्रिक होंगे। यह लक्ष्य रखा गया है। तीन साल बाद पंजीकृत होने वाले सभी दो पहिया वाहन केवल इलेक्ट्रिक ही होंगे। पहले वर्ष में 35 फीसद दूसरे में 70 और तीसरे में 100 फीसद दोपहिया वाहनों को इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य रखा गया है।
पर्सनल व्हीकल हर साल के हिसाब से लक्ष्य तय
निजी कारों में भी प्रति वर्ष के हिसाब से लक्ष्य रखा गया है। पांच साल में 50 फीसद कारों को इलेक्ट्रिक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हर साल 10 फीसद कार इलेक्ट्रिक पंजीकृत होंगी। वहीं कामर्शियल कैटेगरी में पांच साल के बाद केवल इलेक्ट्रिक ही पंजीकृत होंगी। वर्ष 2027-28 तक बसों का भी इलेक्ट्रिक या वैक्लपिक फ्यूल पर चलन सुनिश्चित होगा। पहले साल 40, दूसरे साल 50, तीसरे साल 80, चौथे साल 90 और फिर पांचवें साल पंजीकृत होने वाली शत प्रतिशत बसें इलेक्ट्रिक ही होंगी।
हरियाणा जारी कर चुका पालिसी
हरियाणा सरकार ने ईवी पालिसी को जारी कर दिया है। हरियाणा ने भी पालिसी में इंसेंटिव और कई दूसरे प्रोत्साहन देने को शामिल किया है। टू व्हीलर से ट्रैक्टर तक पर रोड टैक्स रजिस्ट्रेशन की छूट दी गई है। हालांकि चंडीगढ़ ने हरियाणा से पहले ड्राफ्ट तैयार किया था, लेकिन उसकी नोटिफिकेशन अभी तक जारी नहीं की गई है।