खेलो इंडिया यूथ गेम्स पंचकूला में चंडीगढ़ के इकलौते एथलीट्स ने हिस्सा नहीं लिया। उड़न सिख स्वर्गीय मिल्खा और वर्ल्ड रिकार्ड धारक स्वर्गीय मान कौर के शहर से एक भी एथलीट्स का इतने बड़े टूर्नामेंट नहीं खेलना शर्मनाक है। खेल प्रेमी इससे खासा निराश हुए है। यह खिलाड़ियों की नाकामयाबी नहीं थी, बल्कि इसके पीछे कहीं न कहीं स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की सुस्त कार्यशैली जिम्मेदार है।

शहर में गेम्स का इतना बुरा हाल है कि पिछले 21 वर्षों से डिपार्टमेंट ने एथलेटिक्स का सामान नहीं खरीदा है। स्पोर्ट्स हब कहे जाने वाले चंडीगढ़ शहर में एक भी सिंथेटिक ट्रैक नहीं है। एथलीट्स के लिए जिम, हाइजंप के गद्दे और हडर्लिंग में इस्तेमाल होने वाले उपकरण तक नहीं है। यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के पास रेगुलर एथलेटिक्स कोच तक नहीं है। जब सामान और कोच ही नहीं होंगे तो खिलाड़ियों से कैसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर सकते हैं।

चंडीगढ़ एथेलटिक्स एसोसिएशन के सेक्रेटरी जसपिंदर सिंह ने बताया कि 7 अगस्त को हम भव्य स्तर पर जेवलियन डे मनाने जा रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि डिपार्टमेंट के पास अपने सिर्फ दो जेवलियन है।

एसोसिएशन को हर बड़े टूर्नामेंट के समय इन खेलों से जुड़े संबंधित सामान को इकट्ठा करने में खासी दिक्कत आती है। एसोसिएशन स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट को अपना मांग पत्र दे चुके हैं, लेकिन स्पोर्ट्स विभाग उसे गंभीरता से नहीं लेता है। इसका खमियाजा खिलाड़ियों को भुगतना पड़ रहा है।

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