पाकिस्तान में सरकार तो बदल गयी लेकिन हालात अभी तक नहीं सुधर पाए हैं। ऐसे ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान में श्रीलंका जैसी हालात हो जाएगी। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद हफीज ने हाल ही में ट्विटर पर लिखा कि लाहौर में न तो पेट्रोल पंपों पर तेल था और न ही एटीएम में पैसा। इससे पाकिस्तान के आर्थिक संकट पर नई चर्चा शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान एक बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। इस संकट के बीच पाकिस्तान की शाहबाज शरीफ सरकार ने एक झटके में आम आदमी के लिए डीजल और पेट्रोल के दाम में 30 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है.

बढ़ती महंगाई, रिकॉर्ड तेल की कीमतें, अस्थिर राजनीतिक माहौल। पिछले कई महीनों से अपनी बिगड़ती अर्थव्यवस्था को संभाल रहा पाकिस्तान कामयाब होता नहीं दिख रहा है। एक तरफ जहां रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है तो वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान की खजाना खाली हो चुका है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार नीचे गिरकर दस अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।

गहरे आर्थिक संकट से जूझ रही पाकिस्तान की शाहबाज शरीफ सरकार ने पाकिस्तान में सभी पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में 30 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है. वहीं, वहां पेट्रोल और डीजल की कीमतों ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत 180 रुपये प्रति लीटर, डीजल की कीमत 174 रुपये प्रति लीटर और मिट्टी के तेल की कीमत 156 रुपये प्रति लीटर हो गई है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद पाकिस्तान के कई पेट्रोल पंपों पर लंबी लाइनें देखी गईं।

हालिया बढ़ोतरी के बावजूद पाकिस्तानी सरकार अभी भी डीजल पर 56.71 रुपये प्रति लीटर, पेट्रोल पर 21.83 रुपये प्रति लीटर और मिट्टी के तेल पर 17.02 रुपये प्रति लीटर का बोझ उठा रही है। इसका मतलब है कि सब्सिडी में कटौती की अभी भी काफी गुंजाइश है। अगर पाकिस्तान आईएमएफ से कर्ज लेना चाहता है, तो उसे ईंधन सब्सिडी को पूरी तरह खत्म करना पड़ सकता है। आम आदमी पर पड़ेगा बोझ

पाकिस्तान ने आईएमएफ के साथ 2019 में 6 बिलियन सहायता प्राप्त करने पर सहमति व्यक्त की थी। उस सहायता में से, 3 बिलियन अभी तक जारी नहीं की गई है और पाकिस्तान आईएमएफ को 900 मिलियन किस्त जारी करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी सरकार 1 जून से बिजली की कीमतों में 5 रुपए प्रति यूनिट तक की बढ़ोतरी कर सकती है।

माना जा रहा है कि बिजली की कीमतों में कुल 12 रुपये प्रति यूनिट तक वृद्धि हो सकती है, जिसमें 5 रुपये प्रति यूनिट बिजली सब्सिडी खत्म करने से बढ़ेंगे। इससे पहले पिछले महीने भी पाकिस्तान में बिजली महंगी हुई थी और प्रति यूनिट 4.80 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल के महीनों में पाकिस्तान में गैस, कोयला और फर्नेस आयल पर चलने वाले कई बिजली संयंत्रों को बंद कर दिया गया है, जिससे भारी गर्मी के मौसम में लोगों को वहां बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।

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