किरती किसान यूनियन ने पंजाब में जल संकट के समाधान के लिए चंडीगढ़ में 30 जून को हो रहे विरोध प्रदर्शन की तैयारी के लिए सादिक ब्लाक कमेटी की बैठक हुई।यूनियन के उपाध्यक्ष राजिन्दर सिंह दीपसिंह वाला और ब्लाक अध्यक्ष राजिन्दर सिंह किगरा ने कहा कि पंजाब में फसलों को पानी का संकट है। पंजाब का ज्यादातर नदी का पानी बह रहा है और पंजाब की नहरें लंबे समय से बंद हैं। पंजाब की जमीन को नहरी पानी साल भर उपलब्ध रहना चाहिए और जिन इलाकों में नहरी पानी की कमी के कारण पानी उपलब्ध नहीं है, वहां नहर के बुनियादी ढांचे का विकास किया जाना चाहिए। और बारिश के प्रारंभ में रिचार्ज प्वाइंट स्थापित किए जाएं ताकि किसानों को पानी की जरूरत न होने की स्थिति में रिचार्ज प्वाइंट पर पानी गिरता रहे और भूजल स्तर बढ़ सके।

 

नेताओं ने कहा कि पंजाब के नदी जल को रिपेरियन ला के तहत हल किया जाए और लुधियाना उद्योग सहित पूरे उद्योग द्वारा पंजाब की नदी के पानी में डाले जा रहे जहरीले पदार्थों को सख्ती से रोका जाए ताकि पंजाब गंभीर बीमारियों से मुक्त हो सके। किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने पूरे देश के पानी को अपने अधीन करने के लिए बांध सुरक्षा अधिनियम लाया है और न केवल राज्यों के अधिकारों को लूटा है, बल्कि पंजाब को पानी के मुद्दे पर और आगे बढ़ाया है और पंजाब को आगे बढ़ाने का कोई तरीका नहीं है।

 

उन्होंने बांध सुरक्षा अधिनियम को तत्काल निरस्त करने की मांग की। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार पंजाबियों के अधिकारों के लिए खड़े होने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार फसल विविधीकरण की बात कर रही है तो दूसरी तरफ नहर का पानी न मिलने से पूरा बागबानी क्षेत्र बागों को उखाड़ने को मजबूर हो रहा है। किसान नेताओं ने जल संकट के समाधान के लिए अधिक से अधिक लोगों से चंडीगढ़ में विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान किया।

 

बैठक में गुरमीत सिंह, संगराहुर गुरतेज सिंह, संगराहुर बोहर सिंह शेर सिंह वाला, भूपिदर किगरा, गुरजीत सिंह दीपसिंह वाला, बलविद सिंह रूपेवालिया आदि मौजूद थे।

Share.

Leave A Reply