इंटरनेशनल शूटर और पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट सुखमनप्रीत सिंह सिद्धू उर्फ सिप्पी सिद्धू हत्याकांड (Sippy Sidhu Murder Case) में आरोपित कल्याणी सिंह को जमानत नहीं मिली है।आरोपित कल्याणी सिंह को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया था और वह न्यायिक हिरासत में है। 5 जुलाई को कल्याणी ने जिला अदालत की सीबीआइ की विशेष अदालत में जमानत याचिका लगाई थी।

 

कल्याणी की जमानत याचिका पर अदालत ने सीबीआइ को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा था। सीबीआइ ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अगर कल्याणी जेल से बाहर आती है तो वह अपने रूतबे का इस्तेमाल कर केस को प्रभावित कर सकती है। अभी इस केस की जांच चल रही है। सुबूत इकट्ठे किए जा रहे हैं। कल्याणी को जमानत मिलने पर वह सुबूतों से छेड़छाड़ कर सकती है। इस पर अदालत ने केस में अगली तारिख दे दी है। 13 जुलाई को इस पर फैसला होगा।

 

सूत्रों के अनुसार कल्याणी ने अपनी जमानत याचिका में सिप्पी सिद्धू को लेकर कई बड़े खुलासे किए हैं। सीबीआइ ने कल्याणी सिंह को दो बार रिमांड पर लिया था। रिमांड के दौरान सीबीआइ को कल्याणी सिंह से मामले में कोई अहम सुराग नहीं मिला था। कल्याणी ने बताया है कि नेशनल शूटर और वकील सिप्पी सिद्धू ‘फास्ट लेन’ में जिंदगी जी रहा था। इसका मतलब है कि वह अपनी जिंदगी को रोमांचकारी गतिविधियां करके खतरों में डाल रहा था।

 

कल्याणी ने चंडीगढ़ जिला अदालत में दायर अपनी जमानत याचिका में कहा कि सिप्पी का परिवार उसे और उसके परिवार को निशाना बना रहा था, ताकि सिप्पी का गलत कैरेक्टर छिपा सके। सिप्पी की हत्या को लेकर कल्याणी ने कहा है कि सिप्पी कुछ गुप्त प्रापर्टी डीलिंग्स में शामिल था। ऐसे में हो सकता है कि ताकतवर लोगों के दबाव में उसकी हत्या हुई हो।

 

कल्याणी ने कहा है कि सीबीआइ सिप्पी की हत्या को लेकर पूरी तरह क्लू-लेस थी कि किन कारणों से और किस तरीके से सिप्पी की हत्या हुई और किसने उसे मरवाया। ऐसे में उसने मुझे (कल्याणी) सिप्पी के परिवार के कहने पर कुछ गुप्त बाहरी दबाव के चलते निशाना बनाया।

 

कल्याणी ने सिप्पी की हत्या को ब्लाइंड मर्डर बताते हुए कहा है कि केस में कुछ भी नहीं निकल रहा था, जिसके चलते ही सीबीआइ को जांच सौंपी गई थी। सीबीआइ की अनट्रेस रिपोर्ट से साफ कहा गया है कि मृतक का भाई जसमनप्रीत सिंह और मामा नपिंदर सिंह जांच प्रक्रिया से जुड़े हुए थे, हालांकि उन्होंने किसी के प्रति संदेह व्यक्त नहीं किया था।

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