दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है. सत्येंद्र जैन पर ईडी ने यह कार्रवाई चार करोड़ 81 लाख रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की है. आरोप है कि साल 2014-15 में जब सत्येंद्र जैन मंत्री पद पर थे तब उनके और उनके सहयोगियों के पास कलकत्ता की शेल कंपनियों से पैसे आए. बताया जा रहा है कि फर्जी कंपनियों के जरिये आए पैसे का उपयोग भूमि की सीधी खरीद के लिए या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद के लिए लिए गए ऋण की अदायगी के लिए किया गया था. पिछले महीने ईडी ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की “लाभदायक स्वामित्व वाली और नियंत्रित” कंपनियों और परिवार की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी. सत्येंद्र जैन दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्रालय के अलावा बिजली, घर, पीडब्ल्यूडी, उद्योग, शहरी विकास, बाढ़, सिंचाई और जल से संबंधित मंत्रालय भी संभाल रहे थे.
पहले सत्येन्द्र जैन और अन्य लोगों के खिलाफ लोक निर्माण विभाग में रचनात्मक टीम की भर्ती में कथित भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा था. तब यह मामला सीबीआई को जांच के लिए सौंपा गया था. लेकिन उक्त मामले में सीबीआई की चार साल लंबी जांच का नतीजा सिफर ही रहा जिसके कारण जैन के खिलाफ मामला बंद कर दिया गया. जैन पर अधिकारों के दुरुपयोग के भी कई आरोप लग चुके हैं. सत्येंद्र जैन की बेटी सौम्या जैन को मोहल्ला क्लिनिक के लिए सलाहकार नियुक्त किए जाने के मामले ने भी काफी तूल पकड़ा था.
ईडी की कार्रवाई के बाद दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ”सत्येंद्र जैन के ख़िलाफ़ 8 साल से एक फ़र्ज़ी केस चलाया जा रहा है. अभी तक कई बार ED बुला चुकी है. बीच में कई साल ED ने बुलाना भी बंद कर दिया था क्योंकि उन्हें कुछ मिला ही नहीं. अब फिर शुरू कर दिया क्योंकि सत्येंद्र जैन हिमाचल के इलेक्शन इंचार्ज हैं.”