चंडीगढ़ सोशल वेलफेयर की तरफ से शहर की कामकाजी महिलाओं की सुविधा के लिए पूरे शहर में 45 क्रेच संचालित किए जा रहे हैं। इन क्रेच में कामकाजी माताएं अपने बच्चों को देखभाल के लिए छोड़कर जाती हैं।
एक क्रेच में छह महीने से लेकर चार वर्ष के बच्चे को संभाला जाता है। इसके लिए एक बच्चे की मासिक फीस 600 रुपये है।
कामकाजी महिलाएं सुबह बच्चे को क्रेच में छोड़कर जाती हैं और शाम को आफिस आने के बाद उन्हें घर ले जाती हैं। क्रेच के कर्मचारी ही दिनभर बच्चों की देखभाल करते हैं।शहर के क्रेच की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए दैनिक जागरण की टीम ने निरीक्षण किया। सेक्टर-46 में बने क्रेच में विजिट के दौरान बहुत सारी खामियां मिली हैं। सेक्टर-46 में यह क्रेच गवर्नमेंट हाई स्कूल अंदर बनाया गया है। सोशल वेलफेयर ने स्कूल परिसर में क्रेच के लिए अलग से इमारत बनाई है। बच्चों के लिए झूले भी लगाए गए हैं। क्रेच के अंदर एक बड़ा हाल होने के साथ रसोई और बाथरूम भी है, लेकिन बाथरूम में पानी ही नहीं है। इतना ही नहीं क्रेच के अंदर पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है। पीने के लिए पानी बाहर से मटके पर भरकर लाया जाता है। क्रेच के चारों तरफ पत्तों के ढेर लगे हुए हैं, जिन्हें उठाने के लिए कोई भी नियमित कर्मचारी नहीं है। आलम यह है कि चारों तरफ गंदगी फैली हुई है।