स्वास्थ्य विभाग और पीजीआई बेशक चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (सीपीसीसी) के सामने कितने भी दावे करता रहे, लेकिन अभी भी मेडिकल वेस्ट को सीवर में ही बहाया जा रहा है। कुछ दिन पहले पीजीआई चौक के पास एक सीवर चोकहो गया था। शिकायत पर पहुंचे निगम के कर्मचारियों ने देखा कि उसमें काफी मात्रा में मेडिकल वेस्ट फंसा हुआ था। उसे बाहर निकालने के बाद सीवर फिर से चलने लगा। निगम जल्द सीपीसीसी को पत्र लिखकर इस संबंध में सूचना देगा।

शहर के मेडिकल वेस्ट को निस्तारित करने के लिए इंडस्ट्रियल एरिया स्थित प्लांट में भेजा जाता है। यहां इस कचरे को मानकों के अनुसार निस्तारित किया जाता है, लेकिन सीवर में मिल रहे मेडिकल वेस्ट से व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं निगम के अधिकारियों का कहना है कि मेडिकल वेस्ट सीवर से होकर ट्रीटमेंट प्लांट तक जाएगा तो वहां भी असर पड़ेगा और पानी की गुणवत्ता को सुधारने की उसकी क्षमता कम होगी। कुछ समय पहले डंपिंग ग्राउंड पर भी मेडिकल वेस्ट मिलने पर लोगों ने हंगामा किया था। उनका आरोप था कि कचरे की गाड़ियों में निगम की ओर से कोरोना काल में उपयोग किया गया कचरा लाया जा रहा है। इसके बाद निगम के अधिकारियों ने समझाया था कि उन्हें मानकों के साथ ही मिट्टी में दबाया जा रहा है। इस प्रकरण में पीजीआई के डीडीए कुमार गौरव धवन ने बताया कि हमारा पूरा कचरा इंडस्ट्रियल एरिया में जाता है, फिर भी ऐसी कोई स्थिति है तो उसे दिखवा लेंगे।

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