बारिश भले ही हल्की हुई है। लेकिन यह बारिश शहर के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। मानों इसने पेड़ पौधों, हवा और पूरे वातावरण में जान फूंक कर नई ऊर्जा से लबरेज कर दिया है।

भीषण गर्मी से बूंद बूंद के लिए तरस रहे पेड़ पौधों, पशु पक्षियों और लू के थपेड़ों की मार झेल रहे इंसान को बड़ी राहत दी है।

इतना ही नहीं मानसून से पहले जून माह की इस बारिश ने हवा को भी एकदम साफ कर दिया है। हवा में व्याप्त पर्टिक्यूलेट मैटर 2.5 और 10 के कणों को जमींदोज कर दिया है। यह सभी जमीन पर बैठ चुके हैं। हवा इससे साफ हो गई है। प्रदूषण का असर अब इस पर नहीं दिख रहा।

रविवार को चंडीगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स लेवल कम होकर 77 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया। जबकि बारिश से पहले तक यह 250 के आस-पास था। एक्यूआइ के 50 के आस-पास रहने को अच्छा माना जाता है। ऐसी हवा में खुलकर सांस ली जा सकती है। अब चंडीगढ़ का प्रदूषण लेवल ग्रीन जोन में है।

मौसम विशेषज्ञ अब नियमित अंतराल के बाद बारिश की संभावना जता रहे हैं। जून के आखिर में तो मानसून के दस्तक का पूर्वानुमान है। ऐसे में अब अगले कई महीने हवा एक दम साफ बहेगी। एक्यूआइ 50 के आस-पास ही रहने वाला है।

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