अगर आप विदेश जाना चाहते हैं और इसके लिए इमिग्रेशन कंपनियों की मदद ले रहे हैं तो पहले इन इमिग्रेशन कंपनियों की जांच अच्छे से कर लें। चंडीगढ़ में कई केस हो चुके हैं जिनमे फर्जी इमिग्रेशन कंपनियां पैसे लेने के बाद दफ्तर में ताले लगाकर फरार हो चुकी हैं जिनमे से ज्यादातर को पुलिस भी पकड़ने में नाकाम रही है।
चंडीगढ़ पुलिस ने इस साल बिना रजिस्ट्रेशन के चल रही 65 कंपनियों के मालिकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत केस दर्ज किया। इसमें 20 से अधिक मालिकों को गिरफ्तार किया गया। एक मामले में एक कंपनी पर कई केस दर्ज हैं।
अभी कुछ ही दिन पहले चंडीगढ़ पुलिस ने सेक्टर-22 के क्विकनॉक्स सॉल्यूशन के मालिक और उसके कर्मचारी कुलदीप गिल के खिलाफ लोगों को विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी करने के मामले में पांच एफआईआर दर्ज की। पुलिस ने कंपनी के दफ्तर पर छापा मारा तो कई पासपोर्ट मिले।
कई कंपनियां पूरे नियमों का पालन करती हैं, लेकिन ज्यादातर कंपनियां पुलिस को किसी भी प्रकार की सूचना नहीं देती हैं। ऐसे मामलों को देखते हुए प्रशासन ने इमिग्रेशन और कंसल्टेंसी फर्मों को निर्देश दिए है कि वे शहर में अपना कारोबार शुरू करने के लिए सात दिन में सेक्टर-9 स्थित पुलिस मुख्यालय में एसएसपी विंडो पर लिखित रूप में अपना पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराएं।