शिक्षा विभाग ने शहर के लोगों से सरकारी स्कूलों के बच्चे को पढ़ाने के लिए वॉलटियर शिक्षकों के तौर आवेदन मांगे हैं। इसके तहत विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की तरफ से 40 से 45 आवदेन मिले हैं।
इनमें पूर्व शिक्षा निदेशक, आर्किटैकट, सेना अधिकारी, चिकित्सक, सेवानिवृत कमांडेट, प्रोफेसर, सी.ए., मैनजेर, एडवोकेट के अलावा शहर के नेताओं ने भी पढ़ाने के लिए दिलचस्पी दिखाई है। यह शिक्षक बच्चों को विषय विशेषज्ञ के तौर पर पढ़ाने के साथ अपने क्षेत्र के अनुभव भी सांझा करेंगे। गर्मियों की छुटिटयों के बाद उन्हें स्कूल में पढऩे का अवसर प्रदान किया जाएगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा नवम्बर, 2021 में की गई अपील के बाद विद्यांजलि नामक अभियान शुरू किया जा रहा है। शिक्षा मंत्री का कहना था कि इससे विद्यार्थियों की विभिन्न क्षेत्रों में समझ बढ़ेगी और वह बेहतर भविष्य चुनने के काबिल हो सकेंगे। कोरोना महामारी के बाद शुरू स्कूलों में शुरू हुई फिजिकल पढ़ाई को देखते हुए अभियान को चंडीगढ़ शिक्षा विभाग दूसरी बार शुरू करने जा रहा है। इसी प्रकार का अभियान वर्ष 2016 में भी शुरू किया गया था, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के 79 लोगों शहर के विभिन्न स्कूलों में स्टूडैंट्स को पढ़ाया था। डायरैक्टर स्कूल हरसुहिंदर सिह बराड़ ने बताया कि सरकारी स्कूलों के बच्चों के साथ अपने कार्यक्षेत्र और जिंदगी के बेहतरीन पलों को साझा करने के लिए सेवानिवृत अधिकारी के साथ सम्पर्क किया गया है जिससे बच्चों को विभिन्न क्षेत्रों को जानकारी मिलने के साथ बेहतर अनुभव और प्ररेणा दी जा सकेगी।
सप्ताह में एक घंटे की होगी क्लास
विद्याजंली अभियान के तहत विभिन्न विभागों से सेवानिवृत्त और वर्तमान में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारी स्कूल जाएंगे और सप्ताह में एक दिन एक घंटे के लिए ब”ाों से रू-ब-रू होंगे। बच्चे संबंधित अधिकारी और कर्मचारी से विभाग से जुड़ी कार्यप्रणाली से लेकर उनमें प्रवेश पाने तक की जानकारी हासिल कर सकते हैं। शिक्षा विभाग की योजना के अनुसार सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी, डाक्टर्स, जज, वकील, पत्रकार, इंजीनियर और रक्षा क्षेत्र से जुड़े अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। ब’चों के लिए यह क्लास स्वै’िछक लगाई जाएगी। इसके लिए किसी तरह का मानदेय नहीं मिलेगा।