पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखा है। उन्होंंने चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय के स्वरूप में किसी तरह के बदलाव का विरोध किया है और इसे रोकने के लिए दख़ल देने की मांग की है।
भगवंत मान ने कहा- इस तरह का फ़ैसला पंजाब के लोगों को मंज़ूर नहीं होगा
अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब यूनिवर्सिटी को केंद्रीय यूनिवर्सिटी में तबदील करने की संभावना को जांचने के किसी भी कदम की ज़ोरदार विरोध करेगी। मुख्यमंत्री ने दोनों नेताओं को बताया कि राज्य सरकार यूनिवर्सिटी के स्वरूप में कोई भी बदलाव नहीं चाहेगी क्योंकि इस संस्था की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्रांतीय अहमियत के मद्देनजर पंजाब के लोगों के साथ इसकी दिली और जज्बाती सांझ है।
उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय से संकुचित हितों वाली कुछ ताकतें पंजाब यूनिवर्सिटी के रुतबे को केंद्रीय विश्वविद्यालय में तबदील करने के लिए इस मुद्दे को तूल दे रही हैं। भगवंत मान ने याद करवाया कि साल 1966 में पंजाब के पुनर्गठन के मौके पर पंजाब यूनिवर्सिटी को संसद की तरफ से लागू किये पंजाब पुनर्गठन एक्ट-1966 की धारा 72 (1) के अंतर्गत ‘इंटर स्टेट बॉडी कॉर्पोरेट’ घोषित किया गया था।
भगवंत मान ने याद करवाया कि इस संस्था को लाहौर जो उस समय पर पंजाब की राजधानी थी, से होशियारपुर तबदील कर दिया गया और उसके बाद पंजाब की मौजूदा राजधानी चंडीगढ़ में तबदील कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि इस समय पर पंजाब में यूनिवर्सिटी के साथ 175 कालेज मान्यता प्राप्त हैं और यह कालेज फाजिल्का, फ़िरोज़पुर, होशियारपुर, लुधियाना, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब और एसबीएस नगर में स्थित हैं।