चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने 13 जून को हरी झंडी दिखाकर लंबी दूरी की चार बसों को रवाना किया था लेकिन इन बसों का समय आपस में टकराने के चलते अन्य परिवहन निगमों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है।

उत्तराखंड परिवहन निगम ने तो बाकायदा सीटीयू को पत्र लिखकर समय में बदलाव की मांग की है।

 

 

 

बीते शुक्रवार को आईएसबीटी-17 से टनकपुर जाने के लिए सीटीयू की बस खड़ी थी लेकिन रवानगी से 15 मिनट पहले करीब पौने चार बजे उत्तराखंड परिवहन निगम के विरोध करने पर सीटीयू की बस को काउंटर से हटाना पड़ा। बाद में बस चंडीगढ़ से निकली तो रात करीब 9 बजे हरिद्वार में रोक दिया गया। हरिद्वार बस स्टैंड पर काफी देर तक बहस हुई। इससे बस में बैठे लोग परेशान होते रहे। एक सवारी ने इस पूरे मामले की वीडियो भी बनाई। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद बस किसी तरह आगे बढ़ी।

 

 

 

इसके अलावा जो बस चंडीगढ़ से जयपुर वाया रोहतक शुरू की गई थी। इस बस को भी रोहतक से जाने के लिए हरियाणा रोडवेज के कुछ कर्मियों की तरफ से मना किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि बस को रोहतक से न ले जाकर दिल्ली की तरफ से लेकर जाया जाए। श्री खाटू श्याम और सालासर बालाजी के लिए जो बसें चल रही हैं, उन्हें हिसार समेत कई बस स्टैंड पर रोका जा रहा है। कहा जा रहा है कि बसों के पास काउंटर टाइम नहीं है हालांकि विभाग का दावा है कि उनके पास सभी राज्यों से परमिट व काउंटर टाइम है। कुछ लोग जानबूझकर सीटीयू की बस सेवा को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।

 

टनकपुर बस सेवा के शुरू होने के कुछ ही दिन बाद 22 जून को उत्तराखंड परिवहन निगम के महाप्रबंधक (संचालन) की तरफ से सीटीयू के जीएम को एक पत्र लिखा गया। उन्होंने कहा कि रुद्रपुर डिपो की तरफ से शाम चार बजे चंडीगढ़-बनबसा-रुद्रपुर बस चलाई जाती है। इसी समय पर अब सीटीयू ने टनकपुर के लिए बस शुरू कर दी है, जो ठीक नहीं है। लिखा है कि सीटीयू की तरफ से रुद्रपुर डिपो की वाहन को कहा जा रहा है कि वह 4:40 पर बस चलाएं। अगर वे ऐसा करते हैं तो हल्द्वानी डिपो की बस सेवा प्रभावित होगी। सीटीयू के इस फैसले से चालक व परिचालकों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है, जो कि दोनों राज्यों के परिवहन निगम के हित में नहीं है इसलिए उन्होंने लिखा है कि रुद्रपुर डिपो की बस सेवा को पहले की तरह ही चलने दिया जाए और चंडीगढ़ से टनकपुर बस सेवा को उत्तराखंड परिवहन निगम के निर्धारित समय पर न चलाया जाए।

 

परिवहन विभाग कई सालों में भी आईएसबीटी-17 से हरियाणा, यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान आदि की तरफ जाने वाली बसों की समय सारणी नहीं बना पाया है। इससे राजस्व नुकसान तो हो ही रहा है, लोगों को भी परेशान होना पड़ता है। समय सारणी बनाने का कार्य चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग(सीटीयू) और स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (एसटीए) का है, लेकिन दोनों अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। समय सारणी नहीं होने की वजह से विभाग का अन्य रोडवेज की बसों पर कोई कंट्रोल नहीं है। वो मनमर्जी से बसें चला रहे हैं। आईएसबीटी-17 से हरियाणा रोडवेज की उन जिलों के लिए भी बसें चल रही हैं, जिनकी मंजूरी नहीं दी गई है।

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