पंजाब सरकार के लिए सूबे में सक्रिय गैंगस्टर एक बड़ा सिरदर्द बन गए हैं। खुफिया एजेंसियों से जो रिपोर्ट सरकार को मिल रही है, उसे देखते हुए अब राज्य सरकार ने यह मामला नॉर्दर्न जोन काउंसिल की बैठक में रखने का फैसला किया है।9 जुलाई को जयपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में पंजाब सरकार गैंगस्टरों के मसले को बैठक के एजेंडे में शामिल करा लिया है।

 

 

 

पंजाब सरकार को इंटेलिजेंस ब्यूरो से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में सक्रिय गैंगस्टर पाकिस्तान सीमा से आने वाली अत्याधुनिक हथियारों की खेप को पंजाब में रिसीव करके, न सिर्फ सूबे में इस्तेमाल करते हैं, बल्कि अन्य राज्यों के अपराधियों को सप्लाई भी करते हैं। यही नहीं, इन गैंगस्टरों ने यूपी, एमपी, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, बिहार, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में भी अवैध हथियारों के सप्लायरों के साथ तालमेल बना रखा है, जहां से उन्हें देसी कट्टे, पिस्तौलें, रिवॉल्वर ही नहीं हैंडग्रेनेड जैसे अवैध हथियार भी आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।

 

इंटेलिजेंस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के भीतरी इलाकों में अपराधी यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश से अवैध छोटे हथियारों की सोर्सिंग करने लगे हैं। इनके अलावा पंजाब में आतंकवादी भी अवैध हथियारों की खेप भेज रहे हैं, जिनमें से कई हथियार सूबे के गैंगस्टरों के जरिये राज्य पुलिस ने अन्य राज्यों से बरामद किए हैं। इन तरीकों से हासिल किए हथियारों का ही गैंगस्टर और अपराधी पंजाब समेत अन्य राज्यों में इस्तेमाल कर रहे हैं।

 

इंटेलिजेंस रिपोर्ट में ही यह खुलासा भी हुआ है कि पंजाब में हिंदू नेताओं की हत्या में मेरठ से आए हथियारों का इस्तेमाल किया गया था। हाल ही में गैंगस्टरों द्वारा पंजाब में मध्य प्रदेश से बड़ी संख्या में अवैध हथियार मंगवाए गए थे। पंजाब सरकार को मिले इंटेलिजेंस ब्यूरो के ताजा इनपुट में संकेत दिए गए हैं कि विदेशों में छिपे खालिस्तान समर्थक मध्य प्रदेश के अवैध हथियार निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं के साथ संबंध बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इन सनसनीखेज खुलासों के आधार पर पंजाब सरकार 9 जुलाई की नॉर्दर्न जोन काउंसिल की बैठक में यह मुद्दा रखेगी।

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