डाक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है। क्योंकि डाक्टर ही इंसान का इलाज कर उसे नई जिंदगी देता है। एक जुलाई को ‘नेशनल डॉक्‍टर्स डे’ मनाया जाता है।हर साल की तरह आज भी इस खास दिन को डाक्टर्स को समर्पित किया गया है।

 

इस साल देश में इस दिन को ‘फ्रंट लाइन पर फैमिली डाक्टर्स’ की थीम के तहत सेलिब्रेट किया जा रहा है। भगवान का दर्जा पा चुके डाक्‍टर्स की भूमिका कोरोना काल के दौरान काफी करीब से देखी है। जिस मुस्तैदी के साथ कोरोना वॉरियर्स की भूमिका डाक्‍टरों ने निभाई है, वाकई इसे डाक्टर्स का समर्पण ही कहा जाएगा। ऐसे में साल का ये खास दिन सभी डाक्टर्स के योगदान को समर्पित है। इस दिन लोग अपने डाक्‍टर्स को उनके समर्पण के लिए धन्‍यवाद और शुभकामनाएं देते हैं।

 

इस खास मौके पर चंडीगढ़ के आर्टिस्ट वरुण टंडन ने डा. बिधान राय का खास पोर्ट्रेट बनाया है। यह पोर्ट्रेट उन्होंने कोरोना योद्धाओं डाक्टरों को समर्पित किया है। वहीं यह पोर्ट्रेट उन डाक्टरों को श्रद्धांजलि देने के लिए तैयार किया गया है जिन्होंने कोरोना महामारी में मानवता की सेवा करते हुए समाज के लिए अपनी जान गंवा दी।

 

आर्टिस्ट वरुण टंडन ने बताया कि उन्होंने यहा पोर्ट्रेट दवा की गोलियों के प्लास्टिक के रैपर के साथ बनाया है और उन्हें इसे तैयार करने में दो दिन लगे हैं। उन्होंने कहा कि पोट्रेट को बनाने का मेरा उदेश्य डाक्टरों के इतिहास को उजागर करने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस की महत्ता को बताया है।

 

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस स्व. डा. बिधान चंद्र राय के जन्मदिन के मौके पर मनाया जाता है। उन्हें 1961 में भारत रत्न से सम्मनित किया गया था। डा. बिधान चंद्र राय (1 जुलाई 1882 से 1 जुलाई 1962) चिकित्सक तथा स्वतंत्रता सेनानी थे। वे पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री थे। 14 जनवरी 1948 से उनकी म्रत्यु तक 14 वर्ष तक वे इस पद पर थे। बिधान राय को आधुनिक पश्चिम बंगाल का निर्माता माना जाता है।

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